ऐसे अनेक कारण हैं जो बच्चों को परेशान करते हैं। इस वजह से बच्चे अक्सर बीमार भी रहते हैं तथा उन्हें भय भी लगता है। कुछ साधारण उपाय कर बच्चों की इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
2. यदि बच्चे को अंधेरे से या कहीं अकेले जाने से डर लगता है तो शुक्ल पक्ष के किसी भी मंगलवार को श्रीहनुमान चालीसा की पुस्तक लेकर हनुमानजी के मंदिर में अर्पित करें। फिर हनुमानजी के दाएं कंधे के सिंदूर से बच्चे को तिलक लगाकर मूर्ति के सामने लाल आसन पर बैठा दें और हनुमान चालीसा का पाठ 11 बार करें। ऐसा करने से बच्चे का भय जाता रहेगा।
3. यदि आपका बच्चा अक्सर बीमार रहता है तो उपचार के साथ-साथ हनुमानजी का ये उपाय भी कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को एक अष्टधातु का कड़ा बनवाकर लाएं और इसे हनुमानजी की मूर्ति के सामने रख दें। फिर हनुमानजी के दाएं पैर का सिंदूर कड़े पर लगाकर पंचमुखी श्रीहनुमान कवच, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक तथा 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। फिर उस कड़े को अपने बच्चे के दाएं हाथ में पहना दें। साथ ही हनुमानजी से प्रार्थना करें कि बच्चा स्वस्थ रहे।
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1 सिक्के से बढ़ सकती है बरकत
बुधवार को किसी भी समय जब कोई किन्नर नजर आए तो उसे कुछ रुपए आदि भेंट करें। संभव हो तो उसे भोजन भी कराएं। इसके बाद उस किन्नर से आप एक सिक्का (उसके पास रखा हुआ, आपके द्वारा दिया हुआ नहीं) मांग लें। इस सिक्के को अपने गल्ले, कैश बॉक्स या धन स्थान पर रख दें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपकी सेविंग बढ़ जाएगी और साथ में इनकम भी।
परिवार में सुख- शांति के लिए करें ये उपाय
रोज सुबह सूर्योदय के समय घर के उस मटके या बर्तन में से एक लोटा पानी लें, जिसमें से घर के सभी सदस्य पानी पीते हों और उस पानी को अपने घर के प्रत्येक कमरे में, घर की छत पर तथा हर स्थान पर छिड़कें। इस दौरान किसी से कोई भी बात नहीं करें एवं मन ही मन ऊँ शांति ऊँ मंत्र बोलते रहें। कुछ ही समय में आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी।
तेज दिमाग के लिए ये उपाय करें
यदि आपको कोई बात याद नहीं रहती और आपको लगता है कि आप दिमागी तौर पर दूसरों के कमजोर हैं तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जाप करें। इस मंत्र के जाप से बुद्धि तेज होती है।
मंत्र
सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्थ ह्रदि संस्थिते।
स्वर्गापवर्गके देवि नारायाणि नमोस्तुते।।
जाप विधि
– रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी के पौधे के सामने घी का दीया जलाएं।
– इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
– कुछ ही दिनों में आपको स्वयं के अंदर परिवर्तन महसूस होगा।